पंचायतों मे नही जाते पंचायत निरीक्षक

इंदौर। जिला प्रशासन ,जिला पंचायत व जनपद पंचायत की सीईओ की अनदेखी के चलते  इंदौर जनपद पंचायत से जुड़ी ग्राम पंचायतों में पंचायत निरीक्षक पंचायतों का  निरीक्षण करने नहीं जाते हैं ।ना ही लोक सूचना अधिकारी होने के नाते सूचना के अधिकार मैं आवेदकों को समय सीमा में जानकारी देते हैं।सदैव यह कहते रहते की मुझे जनपद सीईओ क्षेत्र मे नही जाने देती है।मे पंचायत समन्वयक अधिकारी होने के नाते मैदानी अधिकारी हुँ। मे वरिष्ठ पंचायत समन्वयक अधिकारी नही हुँ फिर भी मुझे पंचायत निरीक्षक का प्रभार जनपद सीईओ ने देरखा है। ओर सदैव जनपद से भी नदारत रहते है।मोबाइल पर संपर्क करने पर बताते है  मै निर्वाचन के काम में व्यस्त हूँँ।इंदौर जनपद मे पंचायत निरीक्षक व लेखापाल का पद क ई सालो से खाली पडा है।पंचायत सचिवों ने बताया है कि इंजीनियर बिना कमीशन के न गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी नही करते है ।न  पूर्णता प्रमाण पत्र और ना ही निर्माण कार्य चलते समय तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान नहीं करते है। इंदौर जनपद की पंचायतों में तो इंजीनियरों ने कई सालों से पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं कियाहै। खुलासा जब हुआ जब सूचना के अधिकार में पूर्णता प्रमाण पत्र व गुणवत्ता प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति मांगी तो पंचायत के लोक सूचना अधिकारी पंचायत सचिव व जनपद के लोक सूचना अधिकारी पंचायत इंस्पेक्टर ने जानकारी देने में असमर्थता बताई। और आवेदकों को यह कहकर टाल दिया जाता है। कि एक आवेदन पर एक ही जानकारी मांगे। जबकि नियमानुसार एक आवेदन पर आवेदक एक ही विभाग की क ई   जानकारी मांग सकता है। जो महू जनपद और सांवेर जनपद के साथ महिला बाल विकास विभाग ने दी।


जबकि  सूचना के अधिकार में जानबूझकर समय सीमा में जानकारी नहीं देना भी सिविल सेवा आचरण अधिनियम का उल्लंघन है। इस और जनपद सीईओ को अपने महकमे की गैर जिम्मेदारना हरकतों पर ध्यान रखना चाहिए।ताकि पंचायत व जनपद पंचायत के कामो मे पारदर्शिता दिखे।पंचायत निरीक्षक जनपद सीईओ व पंचायत समन्वयक अधिकारी ईमानदारी से गाँवो व पंचायतों का निरीक्षण करे व सचवो को मार्गदर्शन दे तो गाँव मे सरकार के शोचालय, प्रधानमंत्री आवास, सीसी रोड,सामुदायिक भवन,पंचायत भवन मुक्तधाम व अन्य कामो मे गुणवत्ता दिखे।ओर सरकार की योजनाओं का फायदा जरुरत मंद लोगो को मिल सके।इस सबंध मे कलेक्टर, कमिश्नर, व मुख्यमंत्री को  ज्ञापन दिया जाएगा